एक उम्मीद
एक उम्मीद
तुम्हारा आना एक उम्मीद है
जैसे आता है बसंत पतझड़ के बाद
उन शाखों पर भी खिल आते है वो फूल
जिनकी नहीं देखता कोई राह फिर आने की
परन्तु इस बार तुम्हें आकर जाना नहीं है
रह जाना है भीनी भीनी खुशबू की तरह
जिसकी महक अंत तक बनी रहती है
और नहीं रहता इंतज़ार फिर अगले बसंत का
मैं बस वहीं रहना चाहती हूं ताउम्र
उसी महक के साथ जो सिर्फ़ तुम्हारी है
मेरी उम्मीद को बनाए रखना सिर्फ मेरी नहीं
तुम्हारी भी जिम्मेदारी हैं क्यूंकि
तुम्हारा आना एक नयी उम्मीद है।

