बेवजह
बेवजह
बेवजह यूं ही जीए जा रहे हो
क्यों ये सितम खुद पर लिए जा रहे हो
इस तरह तबाह होना ठीक नहीं
ऐसी भी क्या मजबूरी है
कोई तो मुहिम चलाए अब कि
जिंदा लाशों को भी दफनाना ज़रूरी है।
बेवजह यूं ही जीए जा रहे हो
क्यों ये सितम खुद पर लिए जा रहे हो
इस तरह तबाह होना ठीक नहीं
ऐसी भी क्या मजबूरी है
कोई तो मुहिम चलाए अब कि
जिंदा लाशों को भी दफनाना ज़रूरी है।