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Karishma Gupta

Abstract Drama Tragedy

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Karishma Gupta

Abstract Drama Tragedy

संघर्ष

संघर्ष

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संघर्ष कोई एक मात्र शब्द नहीं

इस जीवन का कितना महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाता है

जन्म से मृत्यु तक हर एक प्रतिक्रिया संघर्ष ही तो है


असामान्य परिस्थितियों में भी सामान्य रहना

मन की व्यथा किसी से न कहना 


दुख के अथाह सागर में डूबे रहने पर भी

मुस्कान की लहरों के साथ बहते रहना


किसी को चाहना और उसे ही चाहते रहना

बेवजह रूठे हुए को मनाते रहना


मैं संघर्षवादी हूं ये कहते रहना

अंदर ही अंदर टूट जाना फिर भी सहते रहना


संघर्ष वास्तव में एक मात्र शब्द नहीं

ये पर्यायवाची है जीवन का और हम संघर्षवादी


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