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Sudhir Srivastava

Abstract

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Sudhir Srivastava

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अंतर

अंतर

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भ्रम से बाहर निकलिए

वास्तविकता और कल्पनाओं का

अंतर करना सीख लीजिए,

वरना बहुत पछताएंगे

किसी काम के नहीं रह जायेंगे।

कल्पनाओं के गुलगुले आखिर

कब तक खाते रहेंगे,

जो सच सबके सामने है

उसे कब तक झुठलाते रहेंगे?

वास्तविकता और कल्पना में 

दिन रात सरीखा फर्क होता है,

जमीन आसमान का अंतर होता है।

कब तक नदी की धारा में

रेत का महल बनाते रहोगे,

सच से मुंह मोड़कर 

कब तक काम चला पाओगे?

एक दिन आखिर 

कल्पनाओं के आसमान से

वास्तविकता की जमीन पर

आकर जब औंधे मुंह गिरोगे,

सोचो! तब अपने आपको 

भला कैसे समझाओगे?



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