ख्वाहिश या गुजारिश
ख्वाहिश या गुजारिश
जो उम्र भर दे सको मुझे,
वो ही,पहली बार देना।।
किफायत की इनायत न हो जिसमें,
बस उतना ही , प्यार देना।।
क्या मीनार, क्या दीनार,
मुझे बस, एक नजर निहार देना।।
और,हाॅं! बस ताउम्र का हो साथ,
उसे नाम चाहे यार देना ।।
खुशियों में तो खुश रहते हैं सब,
ग़म में भी हमें मुस्कान देना।।
चाहते हो न! ज़िन्दगी न हो मुझसे जुदा।
तो खुद को मेरा ,मुकाम देना।।
