STORYMIRROR

ATUL MISHRA

Inspirational

3  

ATUL MISHRA

Inspirational

ज़िन्दगी!

ज़िन्दगी!

1 min
221

देखा है! सुकून मिलता है जख्म दिखाने में।

क्योंकि, मरहम मिलता है ज़माने में।।


सभी रिश्तों में एक, रिश्ता ऐसा भी मिला,

शाम हुई है पक्षी, आया आशियाने में।।।


कर्म का कोई वास्ता नहीं मर्म से,

फिर जिक्र कहां आये फ़साने में।।


वो जो बूॅंद-बूॅंद गिरता है कतरा, आंखों से,

लहू की धार कम पड़े, सम, पैमाने में।।


ज़िन्दगी की नसीहत है नेक बनो,

फिर दुनिया मानेगी तुझे, परवाने में।।


विषय का मूल्यांकन करें
लॉग इन

Similar hindi poem from Inspirational