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ATUL MISHRA

Inspirational

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ATUL MISHRA

Inspirational

बनूँ खुशबू मैं फूलों की

बनूँ खुशबू मैं फूलों की

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बनूँ खुशबू, मैं फूलों की,

फैलूं चमन में।

झूम-झूम कर, पवन के संग,

उड चलूँ गगन में।।


जहाँ देखू, स्तब्ध प्राणी,

लेलूं उसे शरण में।

जहाँ देखूँ, प्रफुल्लित चेतना,

नवाऊं शीश चरण में।


सम मानवता का, ज्ञान।

धरूं मैं, जहन में ।

प्रेम रस घोलूं, 

जगत के क्रंदन में।


एकता का प्रतीक बन, 

फैलूं मैं, वतन में। 

हर जीव को पिरोऊं 

मैं, प्रेम रतन में।


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