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Karan Bansiboreliya

Inspirational

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Karan Bansiboreliya

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क्याcovid 19/ कमाल का वक्त आया है

क्याcovid 19/ कमाल का वक्त आया है

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क्या कमाल का वक्त आया है

अपनों को पराया और परायो को अपना बनाया है

पशु - पक्षियों को कैद किया था जिस मानव ने

आज स्वयं को कैद उसने पाया है

क्या कमाल का वक्त आया है


ज्ञान को विज्ञान से जोड़ने वालों

भूगर्भ में छेद करने वालों

यह वायरस ज्ञान ने नहीं विज्ञान ने फैलाया है

क्या कमाल का वक्त आया है

कौन राजपूत, कौन क्षत्रिय, कौन ब्राह्मण, कौन शूद्र

सभी को एक साथ श्मशान में जलाया है

मानवता और एकता का पाठ एक वायरस ने पढ़ाया है

क्या कमाल का वक्त आया है


कमी हुई जब प्राणवायु की मारे- मारे फिरा वो

ले कुल्हाड़ी हाथों में पेड़ों को काटकर जिया वो

बिना रुपए की चीज मिले तो कद्र समझ नहीं आती है

मुंह उतर जाता है लोगों का

जब खुद के रुपयों से चीज आती है


मैं मालिक हूं इस धरती का बोलने वालों

विज्ञान झूठा पड़ रहा है

ज्ञान हमारा छूट रहा है

आजा मेरे मालिक फिर से इस धरती पर

सभी का सब्र का बांध अब टूट रहा है

क्या कमाल का वक्त आया है


Note: ये कविता पूर्ण रूप से मेरे द्वारा लिखी गई थी 2020 कोविड 19 की वास्तविक स्थिति पर ये कविता अमर उजाला काव्य द्वारा प्रकाशित हुई है 2021 में। और अन्य वेबसाइट पर भी ये आपको मिलेगी shabdh factory ने भी इस कविता को प्रकाशित किया था 2021 में। 


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