नींदे :जिंदगी और संघर्ष
नींदे :जिंदगी और संघर्ष
खोलो किताबें तो आती हैं नींदे
बंद आंखों से सपने दिखाती हैं नींदे
करती है जब कई परीक्षण जिंदगी
अक्सर बिस्तर की उड़ जाती हैं नींदें
किताब के इम्तिहान में नकल काम आती है
जिंदगी के इम्तिहान में अक्ल काम आती है
रुपया पैसा खर्च किया करो संभाल कर
आज की आमदनी कल काम आती है
यहीं चिंता सोने नहीं देती
रात सुबह होने नहीं देती
हम घर के बड़े बेटे है भाई
बस यही जिम्मेदारी रोने नहीं देती
सिमट कर कंबल में रह जाती है नींदें
जिंदगी की हकीकत बताती है नींदे
बंद आंखों के टूट जाते है सपने
खुली आंखों के रह जाते है सपने
रहता अगली पीढ़ी का इंतजार
पूरे करने होते जब पुराने सपने
अपनो के तानों से उड़ जाती हैं नींदें
बंद आंखों से सपने दिखाती हैं नींदे
