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Karan Bansiboreliya

Drama

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Karan Bansiboreliya

Drama

वह पिता है

वह पिता है

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मां के बाद जो नाम जुबां पर आता है...

वह पिता है.....

मां की कोख में लकीर बन कर दिखाता था तब से मुझे चाहने वाला...

वह पिता है....

बच्चों की हर ख्वाहिशों को पूरा करने वाला...

अपने लिए नहीं अपनों के लिए जीने वाला...

स्वयं के सपनों को मारकर...

बच्चों के सपनों को पूरा करने वाला...

वह पिता है .....

परिवार में एक-एक मोती को जोड़कर रखने वाला...

लाखों राज दफन है जिसके सीने में...

किसी को ना बताने वाला...

टूटी चप्पल और फटी कमीज पहने वाला...

परिवार पूरी गरीबी को अपने कपड़ों समेटने वाला...

अपने आंसू किसी को ना बताने वाला...

अकेले में छुप छुप कर रोने वाला...

वह पिता है....

अपनों की खुशियों में सबसे ज्यादा खुश होने वाला...

सारी परेशानियों का बोझ अपने कांधे पर उठने वाला...

परिवार को कुछ ना बताने वाला...

बाहर से रखता है कठोर दिल...

अंदर से मोम का दिल रखने वाला...

जीवन जीने का अनंत ज्ञान देने वाला...

वह पिता है...

 


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