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Ratna Kaul Bhardwaj

Inspirational

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Ratna Kaul Bhardwaj

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दिल का नक्शा

दिल का नक्शा

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कौन कहता है कि उम्र गुज़र चुकी

अरे हम तो  दिल से जवान हैं अभी

चाहत जीने की है जिंदा अभी तक 

दिल में छुपे हैं अरमान  अभी भी


बहुत कोशिश की कि भूल जाऊं

हुस्न ओ नूर उसके रुखसार का

पर दिल में अरमान जिंदा है और

बेइंतेहा इंतजार उसके दीदार का


शिकायतों का पलड़ा भारी हुआ तो

बहा आए वह झोला आज समंदर में

दिल की किताब के अब सफहे पलटे

न पूछो कितना सुकून अब अंदर है


मोहब्बत में नफरत की गुंजाइश

क्या शिद्दत की यह तौहीन नहीं

गले लगकर गर शिकायत करें

है क्या जिंदगी इससे हसीन कहीं


अब बस मलाल नहीं है किसी से

दूरियों में भी एक अलग नशा है

अब मुस्कुराने में कोई बनावट नहीं

खाली पड़ा अब दिल का नक्शा है......




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