STORYMIRROR

Sudam charan Bisoyi

Inspirational

4  

Sudam charan Bisoyi

Inspirational

........ख्वाहिश .........

........ख्वाहिश .........

1 min
408


हजारों ख्वाहिश है मन में

मगर पूरी नहीं होती ।

लाखों सीप है समंदर किनारे 

हर सीप में मोती नहीं होती ।

नदी की ख्वाहिश है समंदर में मिलना

मिलने के बाद नदी की पहचान नहीं रहती।

फलक का चांद भी 

कभी पूनम तो कभी अमावस,

हर रात चांदनी रात नहीं होती।

हजारों ख्वाहिश है मन में ........

ख्वाहिश कभी जिम्मेदारी की बोझ तले दब जाती,

कभी ख्वाहिश अपनी मंजिल से थोड़ी सी चूक जाती ।

बचपन की ख्वाहिश जवानी तक आते आते बिखर जाती।

ख्वाहिश न उम्र की सीमा है,

 न बचपन है ,न बुढ़ापा है।

ना अमीरी ना गरीबी की है , 

ख्वाहिश तो हर किसी की है।

हजारों ख्वाहिश है मन में.........

ख्वाहिश कभी आजादी की

ख्वाहिश कभी एक निवाल खाना

ख्वाहिश कभी दौलत कमाने की 

ख्वाहिश कभी अच्छे कपड़े पहनना।

हजारों ख्वाहिश है मन में.........

ख्वाहिश सिर्फ आगाज है,

मंजिल की शुरुवात है

ख्वाहिश इबादत है , तमन्ना है ,आरजू है,

बिछड़े दिलों का मिलना है ख्वाइश 

कभी रूठे को मनाना है ख्वाइश,

ख्वाहिश कभी मरहम , कभी इलाज

कभी जज्बा, कभी जुनून 

कभी चैन , कभी सुकून,

कभी ताकत ,कभी धुंध ।

हजारों ख्वाहिश है मन में.......

जिंदगी जीने की रुख बदल जाए,

अगर ख्वाहिश नेक हो तुम्हारी।

भले ही बेलूस (सुबह की पहली कीरण)में

धूप न हो,

फिर भी नए सबेरे की आगाज देती

मत घबराना क्या होगा आगे 

एक ख्वाइश बिखर तो क्या,

दूसरी ख्वाहिश में....

सुनहरे मंजिल की आगाज होती ।

हजारो ख्वाहिश है मन में,

मगर पूरी नहीं होती।

       


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational