.... कभी खुदा को देखा नहीं....
.... कभी खुदा को देखा नहीं....
कभी खुदा को देखा नहीं ,
महसूस किया वो पिता थे
कभी गम ने मुझे छुआ नहीं
हर पल हर दम साथ मेरे खुदा थे ।
हमेशा सुकून से रह सकूं में,
हर पल मुसीबतों से लड़ते पिता थे ।
हर फर्ज को बेझिझक निभाते पिता थे।
जिनसे आज पहचान मिली ,
वो मेरे पिता थे,
हर ख्वाहिश को पूरा करते पिता थे।
कभी खुदा को देखा नहीं.......
खुदा से बढ़कर इस धारा में पिता है,
जब पता चला वो बहुत दूर जा चुके थे।
आंख नाम होने की वजह जब याद पिता की आती है…........
वरना वो रोने का मौका न देते।
कभी खुदा को देखा नहीं.......
वो इंसान जो हिम्मत की मूरत
अनुशासन की सूरत
चट्टान से भी मजबूत.....
खुद खुदा की सूरत,
हमेशा खुद जलते और रोशनी देते पिता थे ।
कभी खुदा को देखा नहीं .......
अरमान उनके थे में काबिल बनू,
हर शिखर पे वो मुझे देखते थे
तिनके से भरे रास्ते थे उनके ,
मुस्कुराके हर कदम चल रहे थे
बेफिक्र रहूं में हमेशा
मेरे लिए ढाल बनके चल रहे थे।
खुदा थे वो मेरे चलते फिरते.....
जब पता चला वो दूर चल चुके थे
कभी खुदा को देखा नहीं.......
अब तस्वीर देखूं उनकी तो आंख नम हो जाती
बचपन की यादें उनके फिर ताजी हो जाती
पल पल हर पल हर कदम मेरे साथ चलते
साया बनकर वो मेरे पिता थे।
कभी खुदा को देखा नहीं......
तन्हाई में जो आज भी नजर आते है
उलझन आए तो आज भी नसीहत देते है
कमजोर पड़ने से आज भी ताकत देते हैं
फलक पे सितारों के साथ नजर आते हैं।
उम्र के हर पड़ाव पे बस याद उनकी आती है
हर जनम में वो मेरे पिता बनके आए
वो वजूद भी क्या जहन में याद उनकी न आए ।
कभी खुदा को देखा नहीं.....
परवरिश पिता है , जिंदगी भी पिता है ।
आज राख बन चुके है
वो मेरे पिता हैं ।
अनमोल है, अविनाश है
पिता सबसे खास है
यूं ही आसान नहीं पिता बनना।
पिता का दर्जा सबसे खास है
पिता का फर्ज बहुत कठिनाइयों से भरा है
खुद पिता बनने के बाद सभी जानते है ।
कभी खुदा को देखा नहीं....
रुतबा ,दौलत शोहरत कुछ भी नहीं है
अगर पिता जैसे दौलत जिंदगी में नहीं है।
हर जनम में वही बने पिता मेरे
इस के वजह और कोई ख्वाहिश नहीं है।
कभी खुदा को देखा नहीं...
महसूस किया वो पिता थे।
