बातें
बातें
बातें , जो अपनी आँखो
की नमी से बोल दे
और जो अपनी चुप्पी से
सब कह दे
ऐसी बातें तो बस
खुद से ही होती है.
बातें , जो कहने से भी
ना समझे
और जो ना कहे भी
बहुत कुछ बोल दे
ऐसी बाते तो बस
किसी खास से ही होती है.
बाते, जो एक पुकार मे ही
बहुत कुछ जता दे
और जो बस चेहरा देख के
समझ जाए
ऐसी बातें तो बस
माँ से ही होती है.
बातें , ऐसी ही बातें
कुछ हम से, कुछ तुम से
बस कुछ अपनो से ही
होती है.
