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Namrata Mangrule

Abstract

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Namrata Mangrule

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एक सोच

एक सोच

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एक सोच ही तो है।

जिसने आपको और हमको बनाया

यह वही तो सोच है।

जिसने आप और हम होनेका एहसास दिलाया


एक सोच ही तो है।

जिसने श्री राधाकृष्ण के रूप मे प्रेम करना सिखाया

यह वही तो सोच है।

जिसने अर्धनारीश्वर के रूप मे स्त्री और पुरुष का एक 

समान आदर करना सिखाया


एक सोच ही तो है।

जिसने हमारा आज और कल बनाया

यह वही तो सोच है।

जो कल से आज तक और आज से कल तक

हमारे साथ है


सोच, बस एक सोच। 

आपकी, हमारी, सबकी 

बस एक सोच। 


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