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Shyam Kunvar Bharti

Abstract

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Shyam Kunvar Bharti

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धागा राखी का

धागा राखी का

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धागा राखी का भाई बहन का है प्रेम बंधन

तोड़ने से टूटे ना लगाए बहना टीका चन्दन,

बहना की दिया रक्षा का वादा निभाना भईया

तुम ही हो मेरी लाज का सदा सहइया,

भाई की कलाई में बांधा धागा प्यार का

रहेगा इंतजार हरदम भाई के दुलार का,

पड़े जब भी जरूरत तू मुझे याद करना

दौड़ा चला आऊँगा याद रखना मेरी बहना,

तू खुश रहे सुखी तेरा घर संसार रहे

रहो दुलारी हमारी जबतक ये संसार रहे,

आए न कोई दुख तुमको भाव यही हमारा है

सजा रहे सिंगार तेरा दुआ यही हमारा है,

महके तू बनके सुमन सदा घर आँगन में

चहको सदा मेरी बहना मेरे मन भावन में,

दूर रहके भी तू सदा मेरे पास रहे मन में

कमी कभी कोई न हो भरा रहे घर धन में,

रक्षा बंधन का त्योहार आज है आया

बांध दो धागा प्यार का तेरे पास है आया,

मुंह मीठा कर लो मिठाई से जीवन मिठास रहे

रोग शोक ताप कभी न बहना तेरे पास रहे,

उतारूँ आरती तेरी भईया विजय सदा तू करना

करूँ प्रार्थना साथ न छूटे भईया खुश सदा तू रहना।


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