शहीदों की शहादत
शहीदों की शहादत
शहीदों की शहादत से,
ये हिन्दोस्तां चमकता है।
बनी बलिदान से मिट्टी,
इधर कण कण खनकता है।
ऐ मेरे देश के दुश्मन,
पटक ले लाख भी सर तू,
के तुझसे सौ कदम आगे,
ही हिन्दोस्तान रहता है !!
कभी बेजा नहीं जाती,
शहादत है शहीदों की।
कि रण में खेत हो जाना,
ये आदत है शहीदों की।
कटेगा एक सर जब,
आठ दस को काट डालेंगे,
वतन पूजा, वतन सेवा,
इबादत है शहीदों की !
कि जब तक चाँद और सूरज,
जगत मे होएंगे रोशन।
करेंगे आपके भी नाम को,
तब तक सभी सुमिरन।
ए मेरे देश के वीरों,
मुझे तो नाज है तुम पर,
'नरेश' की भी तमन्ना है,
करूँ अर्पित स्वयं का तन !
