मैं हिंदुस्तान हूँ
मैं हिंदुस्तान हूँ
"मैं हिंदुस्तान हूँ"
शीश पर नागेश है किरीट, हिमाला,
गंग यमुना की सुशोभित, उर में माला,
बंग और सौराष्ट्र हैं दो बांह मेरी,
पांव में सागर, रतन की खान हूँ।
मै हिंदुस्तान हूँ ।।
बुध और श्रीकृष्ण की हूँ जन्मभूमि,
वीरांगना औ' वीर की हूँ समर भूमि,
गर्व है मुझको कि जन्मे शूर मैंने,
वीर योद्धाओं की बस मैं आन हूँ।
मैं हिंदुस्तान हूँ ।।
हिंदू और मुस्लिम, सिख अरु ईसाई,
गोद में सब खेलते हैं, बनके भाई,
बौद्ध भी और जैन भी सब मिलके रहते,
इन सभी के प्रेम की पहचान हूँ।
मैं हिंदुस्तान हूँ ।।
विश्व में वेदों की है, पहचान मुझसे,
योग और अध्यात्म की पहचान मुझसे,
देवताओं और ऋषि, मुनि की धरा मैं,
ज्ञान और विज्ञान उद्गम - स्थान हूँ।
मैं हिंदुस्तान हूँ ।।
ऋचाओं का भी हुआ है जन्म मुझसे,
राग - छंदों का हुआ उद्गम है मुझसे,
तानसेनों को कई, जन्मा है मैंने,
मैं लता, आशा, रफी की तान हूँ।
मैं हिंदुस्तान हूँ ।।
संसार में मैं शांति का भी दूत हूँ,
प्रत्यक्ष, दुश्मन के लिए यमदूत हूँ,
संसार को बंधुत्व का सबक सिखाया,
प्रेम, अहिंसा, शांति का गुणगान हूँ।
मैं हिंदुस्तान हूँ ।।
मैं हिंदुस्तान हूँ ।।
मैं हिंदुस्तान हूँ ।।
