STORYMIRROR

Shruti Sharma

Abstract

4  

Shruti Sharma

Abstract

वो दोस्ती ही क्या

वो दोस्ती ही क्या

1 min
336

वो इंसान ही क्या जिसमें प्यार न हो,

वो सफलता ही क्या जिसमें इन्तज़ार ना हो,

दोस्ती तो दो आत्माओं का मिलन है 

पर वो दोस्ती ही क्या जिसमें तक़रार न हो।


वो पानी की क्या जो प्यास न भरे,

वो साथी ही क्या जो विशवास न करे,

एक दोस्त का तो जन्म सिद्ध अधिकार होता है अपने दोस्त को पकाना 

पर वो दोस्त ही क्या जो बकवास न करे।

वो दोस्त ही क्या जिस पे ऐतबार न हो 

वो दोस्ती ही क्या जिसमें तक़रार न हो।


वो जिंदगी ही क्या जो इम्तिहान न ले,

वो खुशी ही क्या जो मुसकान न दे,

एक दोस्त तो अपने दोस्त की मन की बात तक जान लेता है 

पर वो दोस्त ही क्या जो अपने दोस्त के छिपे आँसुओं को पहचान न ले।

वो दोस्त ही क्या जिस पे जान निसार न हो 

वो दोस्ती ही क्या जिसमें तक़रार न हो।।



ଏହି ବିଷୟବସ୍ତୁକୁ ମୂଲ୍ୟାଙ୍କନ କରନ୍ତୁ
ଲଗ୍ ଇନ୍

Similar hindi poem from Abstract