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Shruti Sharma

Abstract Fantasy Inspirational

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Shruti Sharma

Abstract Fantasy Inspirational

पैसा

पैसा

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लोगों का एक ही मुकाम बन गया है

पैसा ना जाने किस किस की जुबान बन गया है

सच्चाई छोड़ो मानो फरेब ही आदत है

पैसा जरूरत नहीं मानो सबकी इबादत है

इंसान इंसान नहीं शैतान बन रहे हैं

पैसे से अमीर नहीं हैवान बन रहे हैं

सबको समझाना हमारे बस की बात नहीं

लोगों की इंसान कहलाने की औकात नहीं

मददगार नहीं खुद्दार बन गया है

इंसान पैसों का शिकार बन गया है

नेक दिल और इंसानियत होनी चाहिए

तभी मंजिल का रास्ता और जीत

का कमल खिलता है,

मेहनत ही लक्ष्य है वरना आजकल गांधी

तो सबकी जेब में मिलता है।।।


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