STORYMIRROR

Abasaheb Mhaske

Tragedy

3  

Abasaheb Mhaske

Tragedy

वो सब देश के ...

वो सब देश के ...

1 min
239

वो सब देश के गुनाहगार हैं

झूठ दिखाने वाले, बेचने वाले 

वो सब मालामाल हैं जो 

 हर साजिश में शामिल हैं 


 वो सब देश के गद्दार हैं 

झूठ फैलाने वाले अनदेखी करने वाले 

चंद ईमानदार लोग छोड़कर 

खुद को चौथा स्तम्भ बताने वाले 


वो सब देश के गुनाहगार हैं

अन्याय, अत्याचार के खिलाफ 

आवाज बुलंद न करने वाले 

और आवाज को दबाने वाले 


वो सब देश के गुनाहगार हैं

चुपचाप तमाशा देखने वाले 

जात धर्म पर बटने वाले 

अपने कर्तव्य से हटने वाले 


वो सब देश के सच्चे सिपाही हैं 

मातृभूमि की रक्षा करने वाले 

न्याय, समता और बंधुता 

 लेकर सब को साथ चलने वाले 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy