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Abasaheb Mhaske

Tragedy

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Abasaheb Mhaske

Tragedy

इतना आसान नहीं होता

इतना आसान नहीं होता

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इतना आसान नहीं होता

किसी को दिल लगाकर भूल जाना

तुमने कहा जो हुआ सो हुआ

अब तेरा मेरा रास्ता अलग


आई तू अपनी मर्जी से

गई भी तो अपने बलबुते पर

मेरा क्या हैं जी लूंगा कैसे भी

तनहाई में कभी यादों के सहारे


जाना ही था तो आये ही क्यों

 जिंदगी में बहार बन के

तुम तो ठहरी मनमर्जी वाली

तू ही बता हम भला क्या करते ?


जाना ही था तो क्यों आये इस तरह

चल दिए दिखाकर ढेर सारे सपने

रिमझिम बरसता सावन होगा

झिलमिल सितारों का आंगन प्यारा


आदत तो थी मुझे अकेलेपन की

फिर वही घुटन, बेबसी बहाल कर गई

अब तो बस अकेलापन ,अधूरापन

जी ही लूंगा तेरी यादों के सहारे


मगर इतना आसान नहीं होता

किसी को भूलना याद रखना

मुबारक तुझको नई जिंदगानी

खुश रहो आबाद रहो फूलो फलो 

 



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