STORYMIRROR

Suresh Sachan Patel

Romance Fantasy

4  

Suresh Sachan Patel

Romance Fantasy

।।विरह की रात।।

।।विरह की रात।।

1 min
233

देखो कितनी अँधेरी रात है।

तारों की आई बारात है।


चली ठंडी पवन,

दिल हो गया मगन,

लगी चाँद से लगन,

आजा मेरे सजन,

मगन होकर दिल मेरा गात है।

देखो कितनी अँधेरी रात है।


 लगता सूना सूना सा जहान,

 निशाचरों की देखो उड़ान,

 कीमत रातों की पहचान,

 दिल पुकारे तुझको मेरी जान,

 बजाते संगीत कोमल पात हैं।

 देखो कितनी अँधेरी रात है।


आग लगाती है दिल में चांदनी,

पुकारे तुझको तो तेरी बंदनी,

 है बेचैन आज तेरी दामिनी,

बुलाती तुझको है तेरी अंकनी,

गीत गाता देखो जल प्रपात है।

देखो कितनी अँधेरी रात है।


सूनी सूनी ये गलियाँ पुकारें,

सूने सूने से हैं महल अटारे,

शीतल शबनम भी आग लगाती,

मेरी साँसों की सरगम भी गाती,

आ कर देखो कैसे मेरे हालात हैं,

देखो कितनी अँधेरी रात है।

तारों की आई बारात है।


   


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance