शिक्षक दिवस
शिक्षक दिवस
शिक्षक दिवस से याद आता है,
वो सरकारी स्कूल और कॉपी,
का ख्याल दिलाता है,
जहाँ हम पढ़े थे और रोज़,
नए-नए गुल खिले थे।
पुरानी दिल्ली का वो सदर बाजार,
जहाँ स्कूल था मेरा यार,
स्कूल जाने से जी चुराना,
टीचर से रोज नए-नए बहाने बनाना।
याद आता है होमवर्क करके न ले जाना,
टीचर की डाँट खाना,
फिर स्नेह से सर पर उनका हाथ फेर कर,
मुस्कुराना।
पहली कक्षा में कॉपी का पेज फाड़ने,
पर वो टीचर का जोर से धमकाना,
छोटे से बच्चे को रोता हुआ देखकर,
फिर अपने सीने से लगाना,
याद आता है।
किताबी ज्ञान के साथ-साथ,
मौलिक बातों का भी बताना,
सबसे अच्छे से व्यवहार कैसे,
करना है ये भी सीखाना,
याद आता है।
शिक्षक बन हमारे जिंदगी का सबक सिखाया,
मित्रता का रोल निभा कर खूब हँसाया,
ये जो मेरे आदरणीय गुरुजन रहे,
इनकी मेहनत से ही मै इंसान बन पाया।
शिक्षा के मंदिर का महत्व है मैंने जाना,
गुरुजनों के आर्शिवाद से कितना,
आसान है ज्ञान पाना।
मन मे आप सभी टीचरों के लिए सम्मान है,
इस शिक्षक दिवस पर दिल की असीम,
गहराइयों से आपको चरण स्पर्श और,
मेरा प्रणाम है।