तरक़ीब
तरक़ीब
एक तरक़ीब है
जीवन में सफल होने की
ग़लत को सही और
सही को ग़लत करते चलो
दुनियां तो तुम्हारी
तुमसे शुरू है फिर
जो चाहे तुम करते चलो
लोग तो कुछ न करने भी बात करते है
लोग तो कुछ करने पर भी बात करेंगे
तुम्हारा अंदाज़ अपना है
तुम चाहो लड़ते चलो या चाहो छटते चलो
कोई नही है तुम्हारे और तुम्हारे सपनो के बीच
एक तुम ही हो अकेले
अब मर्ज़ी तुम्हारी है
गिरते चलो या बढ़ते चलो।