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S Ram Verma

Tragedy

3  

S Ram Verma

Tragedy

सब ज्ञात है तुझे!

सब ज्ञात है तुझे!

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तेरे दो बूँद आंसू मेरी  

वेदनाओँ का समंदर है :

ये ज्ञात है तुझे!


तेरा मुस्कुराना मेरी 

सृष्टि का चलना है ; 

ये भी ज्ञात है तुझे!


मेरे आंगन में तुम्हारा 

उपस्थित होना ही मेरे 

भाग्य का उदय होना है;

ये भी ज्ञात है तुझे!


तेरे हृदय में मेरा ना 

ही मेरी सम्पूर्णता है;

ये भी ज्ञात है तुझे!


फिर क्यों तुम अब 

भी इतनी दूर हो मुझसे 

क्यों ये ज्ञात नहीं मुझे;

कम से कम ये तो मेरे 

पास आकर बतला दो 

तुम मुझे!


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