सब ज्ञात है तुझे!
सब ज्ञात है तुझे!
तेरे दो बूँद आंसू मेरी
वेदनाओँ का समंदर है :
ये ज्ञात है तुझे!
तेरा मुस्कुराना मेरी
सृष्टि का चलना है ;
ये भी ज्ञात है तुझे!
मेरे आंगन में तुम्हारा
उपस्थित होना ही मेरे
भाग्य का उदय होना है;
ये भी ज्ञात है तुझे!
तेरे हृदय में मेरा ना
ही मेरी सम्पूर्णता है;
ये भी ज्ञात है तुझे!
फिर क्यों तुम अब
भी इतनी दूर हो मुझसे
क्यों ये ज्ञात नहीं मुझे;
कम से कम ये तो मेरे
पास आकर बतला दो
तुम मुझे!
