वो नाम
वो नाम
उसका दिल
धक्क से हो जाता है,
जब आंखें को दिखता है,
फ़्लैश होता उससे
मिलता जुलता नाम
किसी मैसेंजर पर
"कहीं ये वो तो नही?"
लेकिन
दुनियादारी से वाकिफ
उसका जहन
झटक देता
है ये ख्याल फौरन
मगर उंगलियां....!!
उंगलियां
टटोलती है
मेसेंजर को,
इस दिल की वे
पक्की सहेलियां हैं।
पर अफसोस
वहां वो
नाम नहीं होता,
जहन तरस खाता है
और उंगलियां सीने पर
फिर एक बार और
इक्कठी हो जाती है
धड़कनो को सहलाने
दिल के ऊपर।
आंखें तो खैर बदनाम हैं
बेबात रोने के लिए।
