हम धरती पर राजा है या प्रकृति?
हम धरती पर राजा है या प्रकृति?
सारी दुनिया में एक ही शोर,
कोरोना से बन रही है, सबकी डोर,
यह खतरनाक वायरस का डर है छाया,
पूरे जगत को यह वायरस ने है हिलाया,
सारी प्रकृति पर कहर यह आया,
मानव जाति ने सबक है पाया,
हर इंसान है, घर में कैदी बना,
अब जानवर भी मानव पर हँसा,
नदियाँ हो गयी है साफ,
क्योंकि कचरा डालने वाले न रहे आस पास,
मछलियाँ नीले पानी में गोते लगा रही हैं,
अपनी जिंदगी की सुनहरे लम्हे बिता रही हैं,
मानव के बनाये रोड पर भी है सन्नाटा,
ना कोई आवाज़, ना कोई प्रदूषण,
आसमान भी हो गया है साफ,
जैसे हमें कुछ कह रहा हो,
मानव अब भी संभल जा प्यारे,
पूरे कर अच्छे कर्म अधूरे ,
अब भी देर नहीं हुई है,
यह धरती है हम सबका सहारा,
इसे संवारना कर्तव्य हमारा,
जागो अब तो जागो,
इतनी लाशें देखकर, तुम्हारा
मन नहीं भरा,
अब आती है हमारी जिम्मेदारी,
रखेंगे पूरी सावधानी,
हम है भारत वासी,
मोदी जी के आदेश का पालन करना,
सब देशों के लिए मिसाल बन जाना,
इस समस्या का एक ही उपाय,
घर के बाहर न जाना मेरे भाई,
जब तक कहा जाए तब तक
डट के भीतर ही रहेंगे,
खांसी, सर्दी , बुखार न होने देंगे,
एमयूनिटी अपनी बढ़ाते रहेंगे,
अपनों के बीच रहकर खुशी से
मुस्कुराते रहेंगे,
बच्चों को प्यार से सहलाते रहेंगे,
क्योंकि,
कोरोना वायरस को,
हमें करूना से हमारे देश से भगाना है।
जयहिंद।
