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Mahendra Kumar Pradhan

Tragedy

4  

Mahendra Kumar Pradhan

Tragedy

ये कोरोना क्या है ?

ये कोरोना क्या है ?

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इस भारतवर्ष ने

कितने महामारी देखे।

कभी हैजा कभी स्वाइन फ्लू

कभी बसंत तो कभी बर्ड फ्लू

हर बार सबको इनके विरूद्ध

एक साथ लड़ते दिखे।

इस भारतवर्ष ने

कितने महामारी देखे।


लावारिस लाशों को भी

चार कन्धे उठाते देखे ।

अपनों के शवों को कभी

लावारिस ना होते देखे।

इस भारतवर्ष ने

कितने महामारी देखे।


मौत बांटती महामारी से भी

कभी ना डरते दिखे।

मानवता की गंगा यहां

चिरंतन बहते देखे।

इस भारतवर्ष ने

कितने महामारी देखे।


भूखों को भिक्षुकों को लोग

खाना खिलाते दिखे।

पेट काटकर अपना यहां

सेवाधर्म निभाते देखे।

इस भारतवर्ष ने

कितने महामारी देखे।


जैसी स्थिति में वैसा पराक्रम

शूरवीरों को दिखाते देखे।

छुपकर श्रीराम प्रभु को

बानर बाली को मारते देखे।

इस भारतवर्ष ने

कितने महामारी देखे।


कालयवन को मारने ,

श्री कृष्णा को गुफा में छुपते देखे

चक्रधारी भी समय चक्र की

अहमियत को समझते दिखे।

इस भारतवर्ष ने

कितने महामारी देखे।


गृहबंदी बन धैर्य धारण कर

तपस्वी सम संयम रखे

विश्व महामारी कोरोना को लोग

आसानी से हराते देखे।

इस भारतवर्ष ने

कितने महामारी देखे।


हैंडवाश, साबुन, सैनिटाइजर से

कोरोना विषाणु मरते दिखे।

स्वच्छता परिमल सावधानियों से

कोशों दूर भागते दिखे।

इस भारतवर्ष ने

कितने महामारी देखे।


मेरे प्यारे देशवासियों

मिल के आओ करें ये प्रण।

देश प्रेम है घर में रहना

कैदी बनकर चलाएँ रण।

इसी कौशल से नियंत्रण

इस महामारी को करते देखे।

इस भारतवर्ष ने

कितने महामारी देखे।


प्रधानमंत्री भी सेनापति बन

रण हुंकार लगाते दिखे।

इसी मंत्र से शर संधान

करते और कराते दिखे।

हारेगा कोरोना जीतेंगे हम

ये गूंज गगन को थराते देखे।

इस भारतवर्ष ने

कितने महामारी देखे।



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