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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance Fantasy

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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance Fantasy

निखार

निखार

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तेरे चेहरे का निखार देखकर दिन सुधर जाता है,

तुझे देखकर मेरा तन बदन प्यार से लहराता है।


तू चंचल है, तू सुंदर हे तेरा निखार ही पहचान है,

ये मौसम तेरे निखार से करवटें बदलती रहती है। 


तेरा निखरता यौवन देखकर सूरज छूप जाता है,

तेरा निखार देखकर मन में मदहोश छा जाती हो।


तेरे चेहरे का निखार देखकर सितारे मुस्कुराते है,

सितारे भी चमकना छोड़कर तुझे देखा करते है।


तेरा निखार अमावस्या को भी पूनम बना देता है,

पूनम का चांद तुझे देखकर शर्मिंदा हो जाता है।


तेरे चेहरे के निखार से बिजली निस्तेज लगती है,

बादल भी उमड़ घुमड़कर तेरे पर बरस जाते है। 


तेरे निखार की असर से याता यात थंभ जाती है,

पूरे शहर में तेरे निखार की चर्चा भी फैल जाती है।


गजब का निखार है तेरा, तू खुदा कयामत लगती है,

"मुरली " तुझ को देखकर जन्नत की परी मानता है।



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