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Lakshman Jha

Tragedy

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Lakshman Jha

Tragedy

नारा बुलंद

नारा बुलंद

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मंदिर के परिसर में

नारे बुलंद हो रहे थे ,

"जय श्री राम "..............

भारत माता की जय "......

"बन्देमातरम "...............

कोई तिरंगा लहरा रहा था

तलवार .....भाला ...गंडास ....चाकू

सब के हाथ में चमक रहे थे !

मेरी जिज्ञाषाओँ ने

हिलकोरे लगायीं ,

आज तो रामनवमी नहीं है ,

ना ही हनुमान जयंती !

तब यह भींड़ कैसी ?पता लग गया ......

एक अबोध आठ साल की

बच्ची का

मंदिर में लोगों ने दुष्कर्म किया

और मारकर फ़ेंक दिया

!पुलिस ....प्रशासन मूक दर्शक

बन गयी ,

डर उनको भी सताने लगी !!

जब .....'जय श्री राम '

'भारत माता की जय '

'बंदेमातरम '

और 'तिरंगा 'स्वयं ही

नेतृत्व भींड़ का कर रहे हैं !

तब हमें तंत्र की क्या जरुरत ?

पीट लें छाती या पीट लें कप्पार

परिजन निःसहाय थे

अन्याय का परिदृश्य चारों ओर

फैला पड़ा था कोई फिर क्या कर सकता था ?

.....श्रीराम ....,

......भारतमाता .

......बंदेमातरम ....और

..... तिरंगा '

के ब्रम्हास्त्रों से भला

कौन बच सकता है ?





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