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Minal Aggarwal

Tragedy

4  

Minal Aggarwal

Tragedy

यह युद्ध दिल तोड़ने वाला है

यह युद्ध दिल तोड़ने वाला है

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यह युद्ध है कि 

थमने का नाम ही नहीं ले रहा 

इसका शायद कभी अंत भी संभव 

नहीं होगा 

यह युद्ध तब से चला आ रहा है 

जिस पल उस शिशु ने इस धरती पर जन्म लिया 

यह युद्ध विराम तब होगा जब 

दो युद्ध करने वालों में से 

कोई एक पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त होकर 

अंतिम सांस भरकर मृत्यु को प्राप्त 

कर लेगा 

यह युद्ध एक तरफा है 

इन दोनों व्यक्तियों में से 

एक युद्ध करना चाहता है 

दूसरा नहीं 

एक को इससे लाभ है 

दूसरे को हानि 

एक का इसके स्मरण मात्र से 

कलेजा कांपता है 

दूसरा एक विजयी मुस्कान 

भरकर किसी निर्लज्ज

की भांति मुस्कुराता है 

एक की इसके कारण 

मौत करीब आ रही है 

दूसरे को जिंदगी खुलकर 

ऐश करने के लिए पुकार रही है 

एक जमीन में धंस रहा है 

दूसरा आसमान की बुलंदियों को 

छू रहा है 

एक कमजोर है, वह 

चारों तरफ के वारों से घायल 

हो रहा है 

दूसरा शातिर है, वह 

घाव पर घाव देकर अपनी 

रोटियां उसकी तबाही की आंच पर 

सेक रहा है 

यह युद्ध बिना किसी कारण 

लड़ा जा रहा है 

यह युद्ध एक भावनात्मक 

प्रहार कर रहा है 

यह युद्ध दिल तोड़ने वाला है 

यह भौतिक सुख की प्राप्ति की 

जिसे चाह है उसका 

पूरक है

यह युद्ध रिश्तों की 

पावन इमारतों को ध्वस्त 

कर रहा है 

इस युद्ध का बुरा प्रभाव 

आने वाली पीढ़ियों पर 

पड़ रहा है 

यह युद्ध जानलेवा है 

हथियार कहीं प्रत्यक्ष रूप से नहीं 

दिखते लेकिन 

कटु वाणी के खंजर हर क्षण 

तन मन में उतारे जा रहे हैं 

किसी को तब तक मारा जा 

रहा है जब तक 

वह पूरी तरह से खत्म न हो 

जाये

वह व्यक्ति खत्म 

युद्ध समाप्त 

यही था बस इस युद्ध 

का उद्देश्य 

किसी की जान लेना 

उसे उम्र भर तंग करना 

सताना 

अपमानित करते रहना 

और वह भी बिना किसी 

ठोस कारण के।


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