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ashok kumar bhatnagar

Tragedy

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ashok kumar bhatnagar

Tragedy

" चैन कहाँ मिल  पाता  हैं “

" चैन कहाँ मिल  पाता  हैं “

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चुप रह कर भी चैन कहाँ मिल पाता हैं , 

खामोशी की अपनी टीस दर्द और आहें होती हैं 


खामोशी की भाषा में, अपने दर्द को छुपाया,

टीस दर्द की, एक छाया दिल में बसाता है।


आहों की सहेज रखी कहानी, सपनों का सफर सुनाती है,

चैन कहाँ मिल पाता है, जब हम दुनिया से छुपाता है।


एक शब्द की आड़ में, दिल की कहानी है,

चुप रह कर भी, चैन कहाँ मिलता है।


खामोशी की भरी रातों में, टीस दर्द से भरी है,

आंसुओं की आहटों में, दिल की तक़दीर है।


समय की धूप में, सच्चाई की कहानी छिपी,

चैन कहाँ मिलता है, जब हकीकत को हम जीते हैं।


चुप रह कर भी, दिल की धड़कन सुनाई देती है,

चैन कहाँ मिलता है, यही सवाल रातों में जगाई देती है।


खामोशी की अद्भुत भाषा में, टीस दर्द से भरी है,

हर आंसू एक कहानी, जो दिल को सुनाई देती है।


आहों की मुस्कान, छुपी है सपनों की कहानी में,

चैन कहाँ मिलता है, जब सच्चाई को हम अपनाते है।


चुप रह कर भी, दिल की गहराइयों में बसा एक सवाल,

चैन कहाँ मिलता है, इस खोज में हम हैं परेशान ।


खामोशी की महफ़िल में, टीस दर्द की कहानी हूँ,

आंसुओं की बौछार से, अपनी रूह को गूंथता हूँ।


आहों के साज़ में, सपनों का सफर बिछाता हूँ,

चैन कहाँ मिलता है, सच्चाई की राह में पाता हूँ।


खामोशी की सांझ में, टीस दर्द से लिपटा हूँ मैं,

आंसुओं की धूप में, अपनी रूह को, छुपाया हूँ ।


आहों की सरगम में, सपनों को सजाता हूँ,

चैन कहाँ मिलता है, सच्चाई की राह पर चलता हूँ।


खामोशी की ताजगी से, टीस दर्द की बातें होती हैं,

आंसुओं के समुंदर में, दिल की कहानी बहती है।


आहों के सहज संगीत में, सपनों का सफर छुपा है,

चैन कहाँ मिलता है, जब सच्चाई की बातें बोली जाती हैं।


चुप रह कर भी, दिल की गहराइयों में एक सवाल बसा है,

चैन कहाँ मिलता है, जैसे सितारों से रात लिपटा है।


खामोशी की अंधकार से, टीस दर्द की कहानी बनती है,

आंसुओं की बौछार में, दिल की धड़कन गुनगुनाती है।


आहों की मिठास से, सपनों की बातें कहता हूँ,

चैन कहाँ मिलता है, सच्चाई की राह में चलता हूँ।


एक रात की चाँदनी, दिल की गहराइयों को छू रही,

चुप रह कर भी, चैन कहाँ मिलता है, यह सवाल है।


खामोशी की आवाज़, टीस दर्द की कहानी सुनाती है,

आहों की बौछार में, दिल की हर बात को छूपाती है।


जीवन की संगीतमय धुन में, सपनों का सफर हो रहा है,

चैन कहाँ मिलता है, जब खुद को सच्चाई में पहचाना जा रहा है।



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