मोबाइल
मोबाइल
जीवन का सार समाया है, मोबाइल तेरे चरणों में ।
हर समस्या का समाधान तुही, जग झुकता तेरे चरणों में ।।
मोबाइल पर इतने मैसेज है, मेरा फोन हैंग हो जाता है
डिलीट करने के चक्कर में,असली मुद्दा खो जाता है
मेरे घर का काम अधूरा पड़ा, मोबाइल तेरे चरणों में ।।
बच्चा भी दूध न पीता है जब तक मोबाइल हाथ ना हो
मातृत्व गुण भी तूने धार लिया, बचपन भी तेरे कब्जे में
सारे रिश्ते समर्पित जीवन के,मोबाइल तेरे चरणों में।
अंखियों ने चश्मा पहन लिया, दिमाग ने सोचना छोड़ दिया
सारे यंत्र तुझी में समाए हैं, दिग्विजय विश्वगुरु सा मान लिया
तेरा जादू सिर चढ़कर बोले, अब जान भी तेरे कब्जे में ।।
सारी इंद्रियां तेरे वश में है, मैं मन से सन्यासी सा हूॅं
तू ही माता-पिता और बंधु सखा, तू ही ईश्वर और तू ही गुरु
जग का सारा आनंद लगे, मोबाइल तेरे चरणों में ।।
चाहे बच्चा बूढ़ा युवा हो, आकर्षण का गहरा कुॅंआ हो
मेरी जीत तुम्हीं मेरी प्रीत तुम्हीं, जीने की असली रीत तुही
अब जान भी जाएगी ए सनम!, मोबाइल तेरे चरणों में।।
तुझ में सम्मोहन जादू है, दुनिया पर तेरा काबू है
करोड़ों पल में लूट जाते हैं, अनोखा करिश्मा सा तू हैं
मेरी जीत भी है मेरी हार भी है, मोबाइल तेरे चरणै में।।
हर पथ का मार्ग दिखलाते हो,जीवन रथ हांक ले जाते हो
सच्चे युगदृष्टा स्रष्टा हो, विश्वास दिल में दे जाते हो
तुम बिन जीवित न रह पाऊॅं, मूल मंत्र तुम्हारे चरणों में।।
हर तस्वीर के दो पहलू हैं गुण के साथ-साथ अवगुण भी हैं आज मोबाइल हर रोग की दवा है लेकिन जिंदगी का चैन सुकून भी लूट रहा है हमें।
