मुझे अच्छा लगता है
मुझे अच्छा लगता है
नाजुक फूलो में मेरी खुशी नहीं है
उसकी महक में मेरी खुशी नहीं है,
मेरी खुशी तेरी मधुर मुस्कान में है,
तेरे चेहरे पे मधुर मुस्कान मुझे बहुत अच्छी लगती है।
चांद की रोशनी में मेरी खुशी नहीं है,
किरनों की शीतलता में मेरी खुशी नहीं है,
मेरी खुशी तो चांद में तेरा चेहरा देखने में है,
चांद में तेरा चेहरा देखना मुझे बहुत अच्छा लगता है।
तेरे चेहरे के नकाब में मेरी खुशी नहीं है,
तेरे मुख को बंद रहने में मेरी खुशी नहीं है,
मेरी खुशी तो तेरे होंठों के सरकते शब्दों में है,
तेरी प्यार की गज़ल लिखना मुझे बहुत अच्छा लगता है।
तुझसे दूर रहने में मेरी खुशी नहीं है,
तेरे लिये तरसने में मेरी खुशी नहीं है,
मेरी खुशी तो तेरे मधुर मिलन में है "मुरली",
तुझे मेरे दिल में समाना मुझे बहुत अच्छा लगता है।