Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Nitu Rathore Rathore

Romance

4.5  

Nitu Rathore Rathore

Romance

मन का रिश्ता

मन का रिश्ता

1 min
264


तेरी नियत से अपने आप तू सँवर जाती है

हो इतनी खास ना हो पास पर निखर जाती है।


तराशा मैंने तुमको जब कलाकारी से अपनी ही

नजर, नजरें मिलाकर तू नजर उतार जाती हैं।


तेरे मन से मेरे मन का रिश्ता मुझको लुभाता हैं

हजारों में कोई बस एक जिगर के पार जाती हैं।


मेरे जज़्बात से वाकिफ़ हो सब क्या बताऊँ मैं

मेरी यह साफ़गोई बात मुझको मार जाती हैं।


तेरी कशिश मेरी चाहत के कुछ तो नाम रहने दे

पूरी न हुई हो दास्ताँ ज़िन्दगी उधार जाती हैं।


कभी इंकार मिलता हैं कभी इक़रार मिलता है

मोहब्बत गर झमेलों में पड़े तो हार जाती है।


सभी ख्वाहिश मेरी तुममें दबी रह जायेगी "नीतू"

बिना आवाज़ के भी तू मुझे पुकार जाती हैं।



Rate this content
Log in