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Nitu Rathore Rathore

Inspirational Others

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Nitu Rathore Rathore

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*द्वितीय ब्रह्मचारिणी*

*द्वितीय ब्रह्मचारिणी*

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ब्रह्मचारिणी मां दुर्गा का दूसरे दिन का सुंदर रूप भी बहुत

भाता हैं

तप के कारण अद्भुत तेज और कांति का चेहरे पर आया स्वरूप सुहाता है।

ये देवी ब्रह्मा का ही तो रूप है जो रहती शिव के लिए कठिन तप में लीन

दाहिने हाथ में अक्षमाला तो बाएं हाथ में कमंडल हाथों की शोभा बढ़ाता हैं।

लाल रंग प्रिय है मां को पहनाऊं लाल गुड़हल का हार मेरी मां को

चुनरियां भी जब ओढ़ाती हूं लाल तो मां को मुझ पर बहुत प्यार आता हैं।

शक्ति का संचार तुमसे ही है मां तुम हो बहुत शक्तिशाली

मन मंदिर में वास हो जाए तो काम, क्रोध का नाश हो जाता है।

शुभ फल ही देगी माता सबको, सबकी खाली झोली भरती है

जो भी निर्मल मन से नीतू दर्शन करता है बिन मांगे सब पाता है।



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