नवम माता सिद्धिदात्री
नवम माता सिद्धिदात्री
नवरात्रे का नवा दिन नवरात्रि की पूजा के समापन का अंतिम दिन होता है
मां दुर्गा का नवा अवतार सिद्धिदात्री के रूप में विधि विधान से पूजा जाता है।
सिद्धिदात्री मां की हुई कृपा तो शिवजी अर्धनारीश्वर कहलाये जाते है
शिवजी के कठिन तप से मां और शिवजी का आधा आधा शरीर एक हो जाता है।
मां का ध्यान ,स्मरण करना हमको संसार की नश्वरता का बोध कराती है
जो हमें वास्तविकता, परम शांतिदायक, अमृतपद की और ले जाता है।
सिद्धार्थ प्राप्त पंच महाभूत में विलीन मां सिद्धिदात्री का रूप देह त्यागी आत्मा सा है
जिन्होंने सर्व सिद्धि प्राप्त करके स्वयं को परमेश्वर में विलीन कर लिया हैं।
आज गुलाबी रंग में रंगी मां शुद्धता और स्त्रीत्व का प्रतिनिधित्व करती है
धूमधाम से राम नवमी मना कर मां की प्रतिमा को प्रतिष्ठा से विसर्जित किया जाता है।