मेरी फिक्र ना कर
मेरी फिक्र ना कर
मेरी फ़िक्र ना कर बस अपना ख़्याल रख
बेवजह क्यों करता है अपना हाल बेहाल
मुमकिन हो अगर करना तू इंतज़ार मेरा
नाराज मत होना मैं ख़ुद की हूँ फिलहाल
चंद सिक्कों में बिकते हैं यहाँ बिकने वाले
कोई खरीदार नहीं तो मचा क्यों है बवाल
ईमान बेचने वाले के हवाले हो गई दुनिया
हमने ईमान की बात की तो खड़ा क्यों सवाल
मेरी फ़ितरत में है मुस्कुराकर जवाब देना
तुम्हारी खामोशियों पर हमको भी है मलाल
पहले अहसान जताया अब हिसाब मांगते हो
दुनिया बनाने वाले किया तूने कैसा कमाल
बात होगी तो सिर्फ तेरे हालात की होगी
शुक्र है सांसें चल रहीं हैं मत पूछ मेरा हाल
रुखसत से पहले हो सके तो एक बार मिल
ना जाने मौत का फरमान कब ले आए काल
संभलकर रखना क़दम मतलबी दुनिया में
जिधर देखो बस बिछे हैं साजिशों के जाल
ब्याज पर भी दो पल उधार नहीं देते लोग
मतलब देखकर चलते हैं शतरंज की चाल।