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Kishan Negi

Others

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Kishan Negi

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वह कौन थी

वह कौन थी

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वह कौन थी

जिसने मेरे आंसुओं को पोंछते हुए कहा था 

पगले रोना बंद कर, बस जरा मुस्कुरा दे 

तेरे पास न होकर भी हर पल तेरे पास हूं मैं 

तेरे आंसुओं से यह दुनिया पिघलने वाली नहीं है 

ठोकर तुझे लगती है और दर्द मुझे होता है 

हर कदम बचकर रहना इस जालिम दुनिया से 

तुझे गिरा कर आगे बढ़ने का हुनर इसको आता है 

जब जब ठोकर लगे बस मुझे याद कर लेना 

और धूल झाड़कर आगे बढ़ जाना 

केवल कर्म योगी ही कर्म पथ पर चलते हैं 

गिरकर संभलने वाले ही यहां मंजिल को पाते हैं 

वह कोई और नहीं मेरी मां थी 


वह कौन थी 

जिसने अपने आंचल के साए में रखकर 

हर मुश्किलों से मुझे हमेशा बचाए रखा था

अपना दूध पिलाकर मुझमें प्राणों का संचार किया था 

करुणामई स्पर्श से मेरे गालों को सहलाया था

अपनी बाहों में झूला कर जीने का हुनर सिखाया था 

मेरी हर परेशानी को अपने नाम लिखाकर 

बुरे वक्त की नजर से हर बार मुझे बचाया था 

चांद तारों की कहानियां सुना सुना कर 

कल्पनाओं की दुनिया में मुझे उड़ना सिखाया था 

पास न होकर भी दुआओं में याद रखती है मुझे

अपना दूध पिलाकर मुझमें प्राणों का संचार किया था 

वह कोई और नहीं मेरी मां थी।


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