मेरी मैया
मेरी मैया
मेरे जीवन को रोशन करने की खातिर
कितने जतन करती है मेरी प्यारी मैया
महकाने को जीवन बगिया अपने ललन की
कितनी तपस्या करती है तू मेरी मैया।
तेरा नन्हा सा ललन अब बड़ा हो चला है
तेरे ही ममता की छांव में भोली मैया
विनती करूँ कर जोड़े पड़ूँ तेरे चरना
कुछ अपना भी रखना ख्याल मेरी मैया।
तेरे चरण पूजा करूँ या करूँ आरती
फिर भी जन्मों जनम ना उऋण मेरी मैया
इस काया पर उपकार तुम्हारा है इतना
जितना फैला हुआ ब्रह्मांड मेरी मैया।
थोड़ी सी जगदम्बे! सुन ले पुकार मेरी
रोशन किया जैसे जीवन हमारा मैया
वैसे ही आशीर्वचन दे पूरा कर सकूँ
तेरे जीवन के हर अरमान मेरी मैया।