निंदिया रानी
निंदिया रानी
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जीवन की इस भागदौड़ में
निंदिया रानी उपकार तेरा
नहीं मैं कहता निशिवासर
सुंदर सेज सजा हो मेरा।
जब आये तू ऐसे आये
राज हो तन-मन पर तेरा
नहीं चाहिए दूजा कोई
बस वास रहे तेरा-मेरा।
नहीं माँगता ख़्वाब खजाना
एकांत में साथ हो बस तेरा
रम जाऊँ इस कदर मैं तुझ में
खो जाये दर्द सकल मेरा।
'वीनू' जीवन की अभिलाषा
रात्रि रहे संग अंक तेरा
उषाकाल में पास न रुकना
जिससे मन चैतन्य रहे मेरा।