STORYMIRROR

Vinod Kumar Mishra

Drama

3  

Vinod Kumar Mishra

Drama

जीवन सारा खेल ही खेल

जीवन सारा खेल ही खेल

1 min
792

जनम मरण अरु जीवन सारा

पग-पग पसरा खेल ही खेल

खेल सिखाता भाषा हमको

और कराता मेल ही मेल।


जीवन कौशल के विकास में

बहती जिसकी अनुपम रेल

शारीरिक क्षमता संवर्द्धन

करता रहता मनोहर खेल।


मनोरंजन का उत्तम साधन

बौद्धिक विकास भी करता खेल

संवेगों पर करे नियंत्रण

नहि रखता मन मैल है खेल।


सामाजिक दायरा बढ़ाता

उन्नति पथ पर यह देता ठेल

हार-जीत में संयम रखना

सिखला देता है यह खेल।


नियमों की परिभाषाओं संग

अनुशासन-पाठ पढ़ाता खेल

'वीनू' इससे दूर न रहना

वर्ना जीवन बन जाये जेल।


सुख-दुःख का है नहीं झमेला

जीवन सारा खेल ही खेल

खेल खेलते चाँद-सितारे

धरती-अम्बर भी खेलें खेल।


एक बनाता नेक बनाता

सबका मेल कराता खेल

वसुधैव कुटुम्बकम झलकाता

दिन प्रतिदिन आगे बढ़ता खेल।


बचपन को मत रोको प्यारे

उसे खेलने दो न्यारा खेल

नेतृत्व कुशलता फहरे उसकी

खेलता मनपसंद जो खेल।


इससे बेहतर और न दूजा

करे विकास सर्वांगीण खेल

जन्म-मरण अरु जीवन सारा

पग-पग पसरा खेल ही खेल।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama