मेरे आँसू
मेरे आँसू
भीगे नैना तुझको बुलाते हैं
हर कोने में ये अब तुझको पाते हैं
लौट आओ ओ जाने वाले
ये बेेचैन हो हर पल
अक्स को निहारते हैं।
वो वक़्त भी क्या वक़्त था
हर साथ में जब एक दौर था
हर दौर में बिता एक युग था
हर युग में तेरा रूप था।
तुझे पाने को जो बेकरार हुई मैं
सुध-बुध खोई और खुद से पार हुई मैं
सारे जहान में यूँ ही बदनाम हुई मैं
बस तुझे ही चाहा और
तेरे ही नाम हुई मैं।।
