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Sonam Kewat

Tragedy Crime

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Sonam Kewat

Tragedy Crime

कैसे?

कैसे?

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हर रोज नए हुस्न पे मर जाता है कैसे 

बता दे फरेबी इश्क कर पाता है कैसे 

तेरे कदम किसी एक पर टिकते क्यों नहीं 

एक को छोड़ दूसरी से नजरें मिलाता है कैसे? 


आखिर तूने सीखा कहां से है

लोगों को शातिर बेवकूफ बनाना 

आज किसी का बन जाता है तो 

कल होता तेरा कहीं और ठिकाना 


आखिर कैसे एक बार में ही तू

लोगों का दिल जीत लेता है 

और अगर मन भर जाए तो 

कैसे वही दिल चीर देता है 


आखिर क्या राज है कि तुझे 

दर्द नहीं होता किसी को धोखा देकर 

कैसे चैन से सोता लेता है 

तू लोगों से उनका सुकून लेकर 


कभी सोचा है क्या तूने भी कि

धोखा खाकर कैसे कोई जीता होगा

दो वक्त की रोटी के बदले 

कोई आंसुओं को पीता होगा 


तेरे दिल में इस तरह दिलों को 

तोड़ने का ख्याल आता है कैसे

बता दे मुझे भी आखिर कि

तू इश्क को फरेब बनाता है कैसे?


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