STORYMIRROR

Dr. Akshita Aggarwal

Tragedy Inspirational Others

4  

Dr. Akshita Aggarwal

Tragedy Inspirational Others

जीवन

जीवन

1 min
268

सच की चादर ओढ़े खड़ा एक भ्रम है। 

हमारे चारों ओर एक मायाजाल, 

यही तो जीवन है।

जिसका हर पड़ाव,

सुख या दुख की परछाई है। 


जिसमें हर पल बढ़ते हुए,

कहीं ना कहीं मंजिलें नज़र आईं हैं। 

मंजिले तो हैं पर रास्ता नहीं क्योंकि, 

शायद इस जीवन में कुछ भी सच नहीं।


खुली हवा में भी एक घुटन है।

हर उम्मीद भी एक भ्रम है।

हर सुख के बाद एक दुख है। 

हर दुख के बाद, 

शायद कहीं सुख है। 


कल्पनाओं में मिली खुशी भी, 

असल में शायद दुख ही है। 

हर सुबह के बाद शाम है।

हर रोशनी के बाद अंधेरा है।

हर पूर्णिमा के बाद एक अमावस है।


आंँखों में हर चमक के बाद,

उभर आते अश्क हैं। 

फूलों में भी काँटे हैं।

आजकल दोस्त में भी एक दुश्मन है।


हर सवाल के बाद फिर एक जवाब है। 

पर,हर जवाब के बाद, 

फिर एक मुश्किल सवाल है। 

हमारी आज़ादी ने भी, 

कहीं तो पड़ी जंजीरें हैं।


यही सुख-दुख और 

उतार-चढ़ाव से भरा

हमारा यह जीवन है।

हमारा यह जीवन है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy