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Dr. Akshita Aggarwal

Comedy Drama Fantasy

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Dr. Akshita Aggarwal

Comedy Drama Fantasy

शादी का लड्डू

शादी का लड्डू

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हम समझते थे जिस भाई का उसकी लाइफ में,

सिंगल है स्टेटस।

उनका तो हो गया रोका यह भी पता चला हमें,

देखकर उनके व्हाट्सएप का स्टेटस।


यह हमारे वही प्यारे भैया हैं।

जो बचपन में कहा करते थे शादी तो है वो बर्बादी।

जिसकी मुझे नहीं कोई चाहत।

मैं तो अकेला ही भला।

मुझे नहीं किसी और की कोई जरूरत।

यह तो कॉन्फिडेंस के साथ,

हम बहनों से शर्त भी लगाते थे कि,

हो जाएगी मुझसे पहले तुम दोनों की शादी।


तुम दोनों को तो मेरी शादी में पड़ेगी।

अपने-अपने ससुराल से आने की ज़रूरत।

पर भैया शर्त तो आज हम बहनें ही जीती हैं क्योंकि

बात आपको यह पहले समझ है आई कि,

बर्बादी के लिए वैसे तो तरीके अनेक हैं पर

शादी का लड्डू समय पर खा लेने में ही है सबकी भलाई।


वैसे यह बात नई-नई ही समझ आई या

किसी और ने है समझाई।

यह तो आप ही जानो क्योंकि 

आप तो पूरे छुपे रुस्तम निकले हो भाई।


वैसे चिंता मत करो।

अपनी पूरी कविता में मैं,

सिर्फ़ आपकी शिकायतें करने ही नहीं आई।

क्योंकि बहुत प्यार भी तो करती हूंँ ना मैं आपसे भाई।

वैसे भी चाहे छोटा हो या बड़ा।

मां-बाप की आंखों का तारा और

बहनों का तो दुलारा ही होता है भाई।


वैसे भी जिसने मुझे हमेशा मेरी किताबों के,

सबसे मुश्किल चैप्टर्स को पढ़ना और

पढ़ कर हमेशा याद रखना सिखाया।

वह आप ही तो हो भाई।


चाहें कितने भी बिजी हों पर

फिर भी अगर मैं कुछ पूछूं तो

मेरे हर सवाल का जवाब दे देते हैं जो।

वह आप ही तो हो भाई।


मैं आज दिल से बहुत खुश हूंँ कि,

होने जा रही है आज आपकी सगाई।

सिर्फ़ हम ही जानते हैं कि,

हमारे लिए कितने इंतजार के बाद।

आज कि ये तारीख है आई।


कहते हैं वैसे शादी के बाद,

सिर्फ़ बेटियों की ही होती है विदाई पर

हमें तो आपकी शादी के बाद ऐसा महसूस होगा।

जैसे हमारे लिए तो हो गई हमारे भाई की भी विदाई।


आप तो कुछ ही दिनों बाद देश छोड़कर चले जाओगे।

आप तो किसी परिंदे की तरह उड़ जाओगे और

हमें बस आपकी राह तकते छोड़ जाओगे।

छोड़ कर चले जाने के बाद,

आप तो परदेसी फिर कहलाओगे।


अगर दूर देश को निकले हो तो,

वहांँ भी आपका एक छोटा-सा घर तो जरूर होगा।

वहांँ भी आपके अपने होंगे।

अपना-सा एक शहर वहांँ भी ज़रूर होगा।


आपकी आंँखों में कोई ना कोई सपना,

अभी भी अधूरा तो ज़रूर होगा।

कुछ ख्वाब आपने भी पन्नों पर लिखकर रखे होंगे।

उनमें से कोई ना कोई ख्वाब अभी तक

अधूरा जरूर होगा।

वरना जो अपने देश और अपनों को,

छोड़कर जाना चाहे ऐसा तो कौन ही होगा??


मेरी दुआएं हैं आप जहां भी रहो बस खुश रहो और

हमेशा अपना और अब से तो अपने साथ-साथ

भाभी का भी ख्याल रखो।

उम्मीद है आपसे इतना जरूर होगा।

उम्मीद है अपने सपनों और 

अपनी जिम्मेदारियां के बीच आप हम सबको भी


याद रख पाओगे भाई।

सिर्फ परदेसी होकर ही नहीं रह जाओगे आप भाई।

वैसे भी अभी तो आपको,

मेरी शादी में भी आना है बनकर बड़ा भाई।

सिलेंडर लेकर आने से लेकर,

शादी पूरी हो जाने तक।

जिस बड़े भाई को 100 बार पुकारा जाएगा।


आखिरकार वह आप ही तो होगे ना भाई क्योंकि

बड़ा भाई तो होता ही है बड़ा भाई।

देखकर जिसे आंखों को सुकून मिले।

वही तो होता है बड़ा भाई।

किरदार बहुत बड़ा होता है उसका पर

बखूबी उसे निभाता है बड़ा भाई।


भाभी ऐसा मत सोचिएगा कि, 

भाई के लिए तो बहुत कुछ लिख दिया पर

आपके लिए मैं कुछ लिखकर नहीं लाई।

कैसे परिभाषित करूंँ भाई से अलग आपको।

बस यह बात मुझे समझ में ही नहीं आई।


हिंदी वर्णमाला की ध्वनियाँ जैसे हो आप दोनों।

बिना एक-दूसरे के उच्चारित हो ही नहीं सकते।

आप दोनों को तो देखकर ही लगता है जैसे,

सिया-राम ने स्वयं जोड़ी है मिलाई।

सिया-राम ने स्वयं जोड़ी है मिलाई।


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