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Writer Akshita Aggarwal

Fantasy Inspirational

4.5  

Writer Akshita Aggarwal

Fantasy Inspirational

मेरे गुलाब का प्रस्ताव

मेरे गुलाब का प्रस्ताव

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लाल गुलाब देते हैं लोग, 

करने को अपने प्यार का इज़हार। 

पर भूल जाते हैं कभी-कभी लोग, 

कि, अब तो काँटों से भरा है संसार।


आजकल लोग गुलाब लेकर,

पीठ पीछे करते हैं वार।

क्योंकि, आज की दुनिया में शायद, 

है ही नहीं कहीं निस्वार्थ प्यार।


दुनिया की भीड़ में खोकर कभी-कभी, 

कर देते हैं हम खुद का ही बहिष्कार। 

भूल जाते हैं कभी-कभी, 

खुद से ही करना प्यार का इज़हार।


माना कि अच्छा है करना, 

‘किसी’ से अपने प्यार का इज़हार। 

पर हम खुद भी शामिल हैं ‘किसी’ में, 

यह भूलना भी तो होना चाहिए नागवार।


कभी आईने के सामने खड़े होकर, 

खुद को भी एक गुलाब देकर, 

खुद से भी कहो, खुद को मत भुला मेरे यार। 

खुद से भी कर ले थोड़ा-सा प्यार।


जब तक नहीं होगा खुद से प्यार, 

और किसी से हो ही नहीं सकता इकरार। 

इसलिए कभी गुलाब दे खुद को, 

खुद से जरूर जताना प्यार एक बार।


अपने प्रति बदलना, 

अपना थोड़ा-सा बर्ताव। 

खुद को देना, 

खुद के साथ भी वक्त बिताने का प्रस्ताव।


खुद से करोगे अगर तुम प्यार, 

किसी और से पहले, 

खुद से अपने प्यार का इज़हार। 

किसी गुलाब के फूल जैसा, 

खुशियों से महकता नज़र आएगा, 

फिर यह सारा संसार।


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