कविता हमें रच रही है या फिर हम उसको। कविता हमें रच रही है या फिर हम उसको।
मन के हर एक एहसास से। यह एक अनोखी-सी बूँद। मन के हर एक एहसास से। यह एक अनोखी-सी बूँद।