नव आशाओं का संचार दो ऋतुराज , पर्ण विहीन तरुओं का श्रृंगार कर दो ऋतुराज। नव आशाओं का संचार दो ऋतुराज , पर्ण विहीन तरुओं का श्रृंगार कर दो ऋतुराज।
हर दिन नया सवेरा आता, हमारे लिए प्रकृति को नया रूप लेकर आता, हर दिन नया सवेरा आता, हमारे लिए प्रकृति को नया रूप लेकर आता,
जिम्मेदारियों कि डोर पैरों में थी ख्वाहिशों की पतंगे उड़ने लगी...! जिम्मेदारियों कि डोर पैरों में थी ख्वाहिशों की पतंगे उड़ने लगी...!
किसी के तन पे है, एक कपड़ा, तो कोई सिर्फ टोपी लिए है, किसी के तन पे है, एक कपड़ा, तो कोई सिर्फ टोपी लिए है,
अब नहीं पुकारूंगी मैं तुम्हें क्योंकि मेरी सांसे अब रुक चुकी है अब नहीं पुकारूंगी मैं तुम्हें क्योंकि मेरी सांसे अब रुक चुकी है
जो भी मिला उसे, अपना नसीब माना रहमत खुदा की पा कर, हर लम्हा यूं गुजारा जो भी मिला उसे, अपना नसीब माना रहमत खुदा की पा कर, हर लम्हा यूं गुजारा